मेरी सोच..



हम वो नही है, जो आज है, हम वो है जो भविष्य का निर्माण कर सकते है। आज जीना सीखे भविष्य का नियोजन करके।
श्री. देश मिश्रा
30/5/2019

हम आज जो भी है, जहा भी है वो हमारी कल की सोच और निर्णयों का परिणाम है।
देश मिश्रा
29/05/2019


राज हम राज होने से डरते हे लोग...
ओर सोचते हे की उन्होंने कुछ राज छुपाया हे..
अपने फायदे के लिये .कुछ भी कर गुजरेंगे...
पर साथ चलने से डरते हे लोग...
खुद तो कुछ कहते नही...
पर मेरी आवाज से डरते हे लोग...

सौ विद्वान लोगो के साथ बहस करोगे तो सौ तरह कि सकारात्मक सोच और समझ बनेगी तथा एक मुर्ख के साथ बहस करोगे तो सौ तरह की नकारात्मक सोच बनेगी. इसलिये मुर्खो के साथ की बहस जल्द खत्म कर अपना मार्ग बदलना चाहिए...!
मैं किसी जाती, धर्म, भाषा, प्रांत, वर्ण, वेश का विरोधक नही हु....
पर इन सभी के नाम, अज्ञान या डर से हो रहे सभी सामाजिक बुराईयों का विरोध करता हु....
समाज निडर बने और वैज्ञानिक दृष्टीकोन अपनाये यह इसलिये प्रयत्न करता हु...

असंवेदनशील समाज जेव्हा प्रत्येक मुलांच्या बाबतीत संवेदशील होईल तेंव्हा आपला समाज चांगली प्रगती करेल आणि प्रत्येक घरात आनंदाच वातावरण असेल...

कितने असंवेदनसील ओर झुटे हे लोग रो रहे बच्चो को देखकर आगे निकल जाते हे. और सिखाते हे एक दुसरे को मदद करना. क्या दे रहे हे बच्चो को एक बार जरूर सोचे..

स्वच्छता....
साफ सोच, साफ विचार, साफ चरीत्र, साफ घर, साफ आंगन तथा सफाई की इच्छा होने पर ही स्वच्छता हो सकती है...
देश मिश्रा 18/1/15

बच्चों के जन्म को लेकर हो रही बयान बाजी यह दर्शाती है की....
तथा कथित धर्म के ठेकेदारो की गद्दी खतरे मे है. फिर एक बार लोगो की भावनाओ के साथ खेला जा रहा हे....
ई गोला के लौग कब समझेगा की ई सबही रांग नंबर है....
हम कब कह पायेंगे की...
ईस धरती पर सभी सच कहते है.
प्यार मोहब्बत से रहते हे.
यहा समानता हे.
यहा सभी निडर चलते हे.
देश मिश्रा
17/1/15

स्पर्धा असल्या वर प्रथम एकच येतो....!
पण जिंकतात ते सर्व जे उत्साहाने लाइन पार करतात...!
दोस्तहो मुलांना लाइन पार करायला सीकवा...!
कारण मुल प्रथम येण्या साठी स्वताः प्रयत्न करतात....!!!
देश मिश्रा

कोणते ही पालक मुलांना मुददामहुन काही चुकीच सिकवत नाही, पालकांच्या चुकीच्या वर्तनाने — वागण्याने मुलही तस वागायला लागतात. मुलां समोर बोलताना, वावरताना काळजी घ्या.
देश मिश्रा

100 मे से २० लोग बुरी आदतो के शिकार होते है,
पर पुरा समाज बुरा तब बनता है जब बचे हुये ८० लोग जिम्मेदारीसे काम नही करते.
देश मिश्रा - ११/११/१४

कचरा टाकुन करु नका घान, स्वच्छतेने वाडे संम्मान...
तुम्ही ज्याचा जास्त विचार करता त्यावर जास्त लक्ष केंद्रीत करता आणि ते मिळवीण्या साठी खुप मेहनत घेता. म्हणुन चांगला सकारात्मक विचार करा. सर्वांच चांगलच होईल.
देश मिश्रा

बच्चौ को चाहिए प्यार, दुलार, आदर, विश्वास और प्रोत्साहन.
आप नही देंगे तो कही ओर खोज कर लेंगे.
फिर आप कहेंगे की बच्चे हमारी सुनते नही है.
मेरे जैसे लोग कहेंगे की जब बच्चो को सुनना, समझना ओर विश्वास दिलाना था तब आपने ध्यान नही दिया.
इसलिए बच्चो के दोस्त बनीये...
क्यौंकी बच्चो दोस्तो से सभी बाते बताते हे.
देश मिश्रा 4/11/14

काही आदर्श घड वायच असेल तर माझी जबाबदारी वाडते कारण मला आदर्श माणनारे खुप लोक आहेत जे माझ आदर्श घेतात.
म्हणुन आपल वागण आदर्श ठेवा....
देश मिश्रा 30/10/14

आपकी सोच आपका कल बनायेगी. इसलिए हमेशा अच्छा सोचो..
देश मिश्रा २८/१॰/१४

बच्चौं की सहभागीता और संरक्षण के लिए बहोत जरुरी है की पालक बच्चौ के साथ अच्छा समय दे और बच्चौं के साथ सहभाग बढाये... देश मिश्रा २७/१॰/१४

मैं किसी भी समाज को विकसीत तब मानुगा जब उस समाज मे बच्चौं को सहभागिता का अधिकार मिले और महिलाऔ का सर्वांगिण विकास हो.... देश मिश्रा २६/१॰/१४

अस लिहा की वाचाव लागेल किंवा काम अस करा की लिहाव लागेल.  Mr. Desh Mishra 20/10/14
[3/7, 11:30 AM]

दोस्तों सोशल मिडीया पर क्रांती नही आने वाली. यहा जानकारी दि जा सकती हे. बदलाव लाने के लिये मिलना पडेगा. विचारो का आदान प्रदान करना पडेगा. ठोस कृती करनी होगी.
[3/19, 10:53 AM]

किसी मुद्दे पर चर्चा करने के लिये अभ्यास जरुरी होतो हे, क्योंकी परीक्षा मे तो COPY करने वाले भी पास हो जाते हे. पर जिंदगी फेल कर देती हे...
 देश मिश्रा 
[3,20,15

इसांन दो तरह के होते है....
एक जो लहेरो को चीरते हुवे एक किनारे से दुसरे किनारे पर पहुचते है.
दुसरे जो किनारे पर बैढ कर अपनी किस्मत को रोते हे.
 देश मिश्रा 
24/3/15

शरीरने गुलाम माणुस बंड करतो, आणि सर्वांना स्वतंत्र करतो.
पण मेंदुने गुलाम माणुस त्याच्या सारखे गुलाम तैयार करतो.
 देश मिश्रा 

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