शिक्षा की शिक्षा

शिक्षा की शिक्षा।

1- जिसे हम विद्या कहते है।
2- जिसे दंड या punishment कहते है।

एक को पाने के लिए कड़ी मेहनत करना पड़ता है।
दूसरी हमारी गलतियों की देन है।

एक पाने के लिए लोग अच्छे बड़े स्कुल की खोज करते है। अच्छे शिक्षक की खोज करते है। अच्छे वातावरण की तलास करते है।
दूसरी हमारे अशिक्षा का फलित हो सकता है।

एक को पाने के और भी रास्ते है और दूसरी भी कई मार्ग से मिल ही जाती है।

कहते है की -

जंगल के शेर को शिकार करना सिखने के लिए कही बाहर नहीं जाना पड़ता है, वह वही जंगल में कोशिस कर करके सिखता है।

चिता अपनी रफ़्तार किसी इंटरनेशनल स्कुल में नहीं सीखता।

हर जगह नदी अपना रास्ता खुद बनती है।

पर आज की शिक्षण व्यवस्था में लोग इन्हें भी बेहतर से और बेहतर बनाने की उक्ति बताते है और इसका बाजार बनाते जा रहे है।

हर किसीका अपना अस्तित्व होता है इसलिए कुछ भी हो यह बात भूलकर नहीं चलेगी की "हर कोई अपना अस्तित्व लेकर चलता है।"

क्योकि गरीब घर में पैदा होने के बाउजूद एक डॉ. बाबा साहेब और दूसरे डॉ. अब्दुल कलाम बन गए और ऐसे ही बहोत लोग थे तथा आज भी है जो अपनी विपरीत परिस्तिथि पर अपने और अपने परिवार के सहयोग से बदलने की कोशिस कर रहे है।

मुद्दा यह है की काबिलियत और हुनर जन्म से ही हर बच्चे में होता है। क्या हम उसको परखने की कोशिस कर रहे है।

पालक अपने बच्चे को किस तरह से सवारते है। और उसकी प्रगति के लिए किस तरह का वातावरण निर्माण करते है।

सिर्फ और सिर्फ इस बात पर ही हर बच्चे की उन्नति और प्रगति निर्भर करती है।

यह कभी भूल कर नहीं चलेगा की बच्चों का घर ही हर बच्चे के लिए उसका पहला स्कुल होता है।

पालको को अपने घरमे कुछ नहीं करना है, पर बच्चे के लिए इंटरनॅशनल स्कुल चाहिए होता है। जहा उनके बच्चों को अच्छी शिक्षा मिले पर क्या सही में बच्चों को वहा अच्छी शिक्षा मिलती है, जी हा मिलती है पर उसके साथ में मिलता है,

अगर आपकी आर्थिक हालात ठीक नहीं है और आपका बच्चा इंटरनॅशनल स्कुल में है तो।
1. और बच्चों के पास देखकर उसकी मांगे बढ़ने लगती है।
2. दूसरे बच्चों के माता पिता के साथ आपकी तुलना करता है।
3. दूसरे बच्चों की तरह टिप टॉप जाने की लालसा निर्माण होती है।
4. बच्चों को कक्षा में अकेला पन महसूस होता है।
5. बच्चों में डिप्रेशन आता है।
6. कई बार बच्चे माता पिता से बात करना बंद कर देते है।
7. बढती उम्र के साथ बच्चे बुरी संगत में लग जाते है।
8. नशे के आदि हो जाते है इसी तरह से और भी नुकशान हो सकते है पर वैसे ही फायदे भी है पर उसके लिए पालको को अपना अच्छा समय बच्चों को देने की जरूरत होती है।

कभी समय निकाल कर इंटरनॅशनल स्कुल के बाहर जाकर देखिये आपको पता चल जाएगा।

अब मुद्दा यह है की कैसे अपने घर कोे कैसे इंटरनेशनल बनाएंगे। कैसे बनाये अपने घर को उस स्तरका।

बहोत आसान है अपनी सोच को इंटरनेशल बनाओ  -बच्चे को अपना अच्छा समय दो,
बच्चों को सही से सुनो,
बच्चों को सवाल करने के लिए मदद करो,
बच्चों को मार्गदर्शन करो,
बच्चों की गलतियों को सुधारने में मदद करो,
बच्चा जो करना चाहता है वह करने में उसके साथ रहो
आपका बच्चा अपने आप इंटरनेशनल लेवल पर टक्कर देगा।

आप तय करे की बच्चों को शिक्षा देना है की शिक्षा देने योग्य बनाना है।

"देश" एक बुलंद आवाज.
9029956626

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