महामानव को विनम्र अभिवादन!!
*शिक्षित बनो, संगठित हो ओर संघर्ष करो हर तरह के बदलाव के लिए।*
दोस्तों बहोत जरूरी है सुशिक्षित होना, में अक्सर बोलता हूं, सिर्फ स्कूल की किताबो से कोई सुशिक्षित नही होता, क्योंकि स्कूल की किताबें आपको गधो की स्पर्धा के लिए उनके बीच मे खड़ा किया जा रहा है।
बाबा साहेब भी चाहते थे कि लोग सुशिक्षित बने ताकि अपने अधिकार के लिए संघर्ष कर सके।
पर लोग अपनी रोज की जिंदगी जीने की जद्दोजहद में पढ़ाई करना ही भूल गए, सिर्फ लोगोने अपनी स्कूल के किताबों की पढ़ाई की ताकि अच्छी नोकरी मिले, जिससे घर बसा सकें और बच्चों को सही से संभाल सके।
*पर आज सभी ने अपने आपसे सवाल पूछने की जरूरत है,*
१. क्या हम सभी सही मैं एक अच्छी नोकरी कर रहे है?
२. क्या हमें अपने मेहनत का सही दाम मिल रहा है?
३. क्या हमने अपनी पढ़ाई पूरी की?
मुझे 100% विश्वास है उत्तर आएगा नही!!!
क्योंकि हम सिर्फ शिक्षित है अभी सुशिक्षित होना बाकी है, इसीलिए हम सिर्फ जिंदगी जीने के लिए संघर्ष कर रहे है, बदलाव के लिए नही, अगर आपको अपने जिंदगी में बदलाव के लिए संघर्ष करना है तो कृपया आप खुद भी ओर अपने बच्चों को स्कूल की पढ़ाई के साथ साथ किसी एक क्षेत्र में प्रावीण्य मिलने के लिए अलग से किताबे पढ़ने दीजिये, जिससे आपके जीवन मे तो बदलाव आएगा ही साथ ही समाज भी बदलेगा।
तभी आपको देखकर समाज भी शिक्षित, सुशिक्षित ओर बदलाव के लिए तयार होगा, हमारा समाज बदलेगा सिर्फ हमारी सोच बदले कि जरूरत है।
*बाबा साहेब को विनम्र श्रद्धांजलि ओर अभिवादन* 🙏🏻🙏🏻🙏🏻
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