जिंदगी और मौत के बीच का सफर!!!

जिंदगी और मौत के बीच का सफर!!!

जिंदगी से मौत तक....!

अब से तब तक...!

आज से कल तक....!

यहां से वहां तक....!

हँसी से खुशी तक....!

दुख से गम तक....!

गम से खुशी तक....!

खुशी से हँसी तक....!

सपनो से हकीकत तक....!

अपनो से पराये तक....!

परायो से अपनो तक....!

दोस्ती से प्यार तक....!

प्यार से इकरार तक....!

इकरार से टकरार तक....!

टकरार से इनकार तक....!

इनकार से अलगाव तक....!

अलगाव से शराब तक....!

शराब से शबाब तक....!

जिंदगी है जिंदगी से मौत तक....!

दोस्तो क्या अजीब है ये जिंदगी और मौत का दामन दोनों भी अपने हाथ मे नही होते!
फिर भी गुरुर इतना होता है मानो हम बस हम है....!
यहां तो जिंदगी ने कदम खुले छोड़ रखे है वरना, मौत का दामन तो सभी को पकड़ना ही पड़ता है।
यहां नाही हम अपने मर्जी से जन्मलेते है और नाही अपने मर्जी से मौत आती है!

फिर भी ऐसे इंसान है जो....!
अपने सपनो को जीते है!
अपने सपनों में जीते है!
अपने सपनो को मार कर जीते है!
सपनो के बिना ही जीते है!

जिंदगी का सफर हमे अपने से ही चलना होता है।
लोग मिलते है, जुड़ते है फिर बिछड़ जाते है।
यहां कोई आपके साथ नही जाता, सभी आपको पहुचाकर निकल जाते है।
ओर आपको पहुचाने के बाद यही लोग अपना हाथ धो लेते है।

किस के लिए जीना है, अगर अपने लिए नही जी सकते तो आप किसी ओर के लिए भी नही जी सकते!

अपने लिए जीना सीखो, अपने सपनो के लिए जीना सीखो!

फिर अपने सपनो के साथ साथ अपनो के लिए भी जीने में मजा आएगा।

जिंदगी सिर्फ दो साँसों से सुरु होकर एक साँस पर खत्म हो जाती है!

आप तय करो अपनी जिंदगी को कैसे जीना है।

क्योंकि यह जिंदगी और मौत के बीच का सफर है!!!

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