आम आदमी की मानसिकता और देश ?


भारत देश आजाद हुआ 1947 को अंग्रेजो से, पर क्या हमारा देश सिर्फ एक बार ही गुलाम था। तो उत्तर है नही, हमारा देश कई बार कई शासकों के पास गुलाम था और आज भी एक विचारधारा का गुलाम है, हम समझने की कोशिश करेंगे।

इसको आप सीधे खुली आँखों से देख सकते हो, अपने अगल बगल देखिए आपको आज भी गुलामी दिख जाएगी, शारीरिक, मानसिक, पारंपरिक ओर धर्म के आधार पर भी।

हमारा ही देश नही सभी विश्व के देशों में कुछ देश हमारे ही देश की तरह है। आम जनता (नागरिक) के बारे में कोई नही सोचता है। 

वस्ती ओर गाँव की हालत के बारे में समझते है।
वॉटर, गटर ओर मीटर के अलावा, शिक्षा, स्वास्थ ओर रोजगार की कमी के दुष्परिणाम हम देख रहे है। 

गंदी नालियां, खराब रास्ते, बकवास शिक्षा ओर स्वास्थ व्यवस्था जिसके चलते जनता बेहाल है, वही वस्ती के बगल में अगर कोई बिल्डिंग होगी तो वहां कि सुविधा देखिए। तो आपको पता चलेगा कि इंसान कहा रहते है। और हम वस्ती के लोगो के बारे में ये तथाकथित लोग क्या सोचते है।



शहर की बात करे तो, यहां आप दो समूह आराम से देख सकते हो, आप जहा भी खड़े हो वहां पूर्व ओर पश्चिम की दिशा में रहने वाले लोगो को ओर उनके रहन सहन को, उनके पहरावे को, उनके खान पान को देखिए आपको पता चल जाएगा, हम कैसे ओर कहा रह रहे है।

राज्य ओर देश में भी शहर और गाँव जैसे ही हालात है, हमारे यहां नागरिक की कोई किम्मत नही है, नागरिक सिर्फ तीन बार याद किये जाते है, 

1. चुनाव के समय,
2. मार्केटिंग के समय
3. नई फ़िल्म के रिलीज के समय

इसका मतलब आप समझ सकते है, हमारे देश मे कौन सुरक्षित है और किसकी सुरक्षा होती है।

1. नेता
2. उद्योगपती
3. अभिनेता

हमारे देश मे सिर्फ और सिर्फ एक प्रतिशत लोग ही सुरक्षित है और पूरी सुरक्षा व्यवस्था एक प्रतिशत लोगो के अगल बगल ही घुमती रहती है।

देश के बॉर्डर पर जवान है, उनका भी इस्तमाल कभी कभी इन्ही एक प्रतिशत लोगो के लिए ही किया जाता है। 

यह देश और पूरा विश्व आपसे ओर मुझसे बनाता है। नाकि इन एक प्रतिशत लोगो से। इन्हें हम बनाते है, ओर हम इनके ही गुलाम बन जाते है।

अभी कॅरोना वायरस की बात करे तो किसको ज्यादा तकलीफ होनी चाहिए, जो बहोत घूमते है, जो बाहर के देशों में जाते है, जो हमेशा लोगो से घिरे होते है, पर नही उन्हें तकलीफ नहीं होगी, क्योंकि उनके पास सभी तरह की व्यवस्था है, मरते तो आम नागरिक है। जो अपने ही लोगो के बीच रहते है, वही घूमते फिरते है। फिर भी बीमार पड़ते है।

प्रधानमंत्री जी के रिश्तेदार का पर्स खो जाता है, पोलिस उसे 6 घंटे में खोज कर लाती है, पर पुलवामा में RDX कहा से आया आज तक पता नही लगा पाई, क्योंकि यहां आम नागरिक है।

देशमे कॉमरेड मारे गए आज तक उनके हत्यारे को नही पकड़ पाए ? क्यों ?

बैंको में करोड़ो के घोटाले हो रहे है, उनको कोई नही पकड़ता है, पर आपने कोई भी गड़बड़ किया तो आपको अंदर कर देंगे।

मंत्रियों का खाना, रहना, घूमना सभी मुफ्त है क्यों?

हमारे साथ प्रयोग करके दवाइयां ओर खाने के सामान मार्केट में लाये जाते है क्यो?

क्यों हमपर ही हर बार सभी फिल्मों का बोझ डाल दिया जाता है?

इन सभी ओर ऐसे सभी तरह के सवाल का जवाब है, हम नागरिक के तौर पर लाचार है, जाने अनजाने में हम ही है जो उनको बढ़ावा दे रहे है, और अपने समय तथा पैसों को बर्बाद कर रहे है।

अब समय आगया है, अपनी सुरक्षा और परिवार को सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी हर किसी व्यक्ति है, क्योंकि किसी को कोई फर्क नही पड़ता, आप ओर आपका परिवार कैसे रहता है। 

थोड़ा अभ्यास कीजिये और देखिए कैसे अपने परिवार का भविष्य बना सकते है। अपने परिवार को हर तहर की गुलामगिरी से मुक्त रखने की कोशिस कीजिए। 

तभी हमारा परिवार, समूह, राज्य ओर देश भी सुरक्षित रहेगा।

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